दिनांक 1जून, 2017 से 16 जून, 2017 तक विद्या भारती हरियाणा द्वारा आचार्य विकास वर्ग का आयोजन किया गया। जिसमें श्रीमद्भगवद्गीता वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कुरुक्षेत्र, में हिन्दू शिक्षा समिति एवं नन्द लाल गीता विद्या मन्दिर तेपला (अम्बाला), में ग्रामीण शिक्षा विकास समिति के शिक्षार्थीयों की प्रतिभागिता रही। आचार्य विकास वर्ग में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन अनुसार शिक्षार्थीयों को शैक्षिक भ्रमण एवं सम्पर्क हेतु दोनो आचार्य विकास वर्गो से अलग-अलग छोटी छोटी 20 टोलियों में विभाजित कर अभिभावक सम्पर्क, सेवा बस्ती, संस्कार केन्द्र, एवं ग्राम सर्वेक्षण के लिए भेजा गया जिसमें टोलियों का विभिन्न स्थानों पर 100 से अधिक घरों के व्यक्तियों से सम्पर्क हुआ।
पहली टोली को ग्राम सर्वक्षण के लिए गांव दुखेडी, व बिशनगढ में गई। जिसमें एक गांव में 5 हजार की आबादी वाले इस गांव में 80 प्रतिशत लोग साक्षर है। अधिकतर लोग किसान परिवारों से है खेतों में सिचाई का मूख्य साधन टयूबवैल है। जैविक खेती के लिए अभी रुझान कम है। सामाजिक समरसता की दृष्टि से गांव का वातावरण अनुकूल है। गांव में 12 मन्दिर है व 2 श्मशान है यह सभी जातियों के सांझे है गांव बिशगढ़ में सभी परिवार सम्पन्न थे। सरपंच श्री हाकम चन्द जी-पूर्व सह जिला शिक्षा अधिकारी थे। गांव की दो पंच दीदीयां भी साथ में थी जो कि दोनों एम. ए., बी. एड थी। गांव में केवल 7 गरीबी रेखा से नीचे के परिवार थे। ग्राम सर्वेक्षण करने के बाद श्री रामकुमार जी- प्राचार्य मे.नि.बा.गीता निकेतन विद्या मन्दिर, के नेतृत्व में सभी ब्रह्म सरोवर पर गए जहाँ जाकर यात्रियों से वार्तालाप किया।
अभिभावक सम्पर्क- दूसरी टोली आचार्यों ने विद्यालय के पास रहने वाले अभिभावकों से सम्पर्क किया। परिवारों से सम्पर्क करने पर पाया कि अधिकतर का शैक्षणिक स्तर कम था। लगभग सभी बच्चे अपना गृहकार्य समय पर करते है अभिभावकों ने विद्यालय की और से सुलेख ठीक न होने की समस्या बताई। गांव के अधिकतर अभिभावकों की धारणा विद्यालय के प्रति सकारात्मक है।
संस्कार केन्द्र- तीसरी टोली गांव एवं बस्ती में चल रहे संस्कार केन्द्रों एवं वात्सल्य वाटिका में गई। संस्कार केन्द्र प्रतिदिन चलता है। गांव में संस्कार केन्द्र के प्रति लोगो की अच्छी धारणा है। संस्कार केन्द्र चलाने वाली दीदीयों के प्रिशिक्षण की आवश्यकता है। वात्सत्य वाटिका में एक संत के मार्गदर्शन में जरुरतमंद बच्चों को शिक्षण-प्रिशिक्षण दिया जाता है यह जानकर बड़ी प्रसन्नता हुई।
सेवा बस्ती- सेवा बस्ती सर्वेक्षण हेतु चौथी टोली। साहा गांव में दो भागों में बांट कर भेजा। इस बस्ती में शिक्षा का स्तर सामान्य है व अधिकतर परिवारों की आजीविका का साधन मजदूरी है। बस्ती में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है। अन्य समाज के लोग सेवा बस्ती के सामाजिक, धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेते है जाति-पाति की भावना नाम मात्र है। बस्ती के अधिकतर लोग शिक्षा के प्रति पूरी तरह से जागरुक हैं।
विशेषः- सेवा बस्ती में रहने वाले अपने विद्यालय का 11वीं कक्षा का छात्र स्कूल समय के बाद कुछ समय अपने पिताजी के साथ जूस की रेहड़ी पर काम करता है ताकि वह अपनी पढ़ाई का खर्च निकाल सकें।
भ्रमण कार्यक्रम के उपरान्त वापिस आकर रात्रि में सभी शिक्षार्थियों हेतु अनुभव कथन का कार्यक्रम किया। अपने-अपने अनुभवों में शिक्षार्थियों ने बाताया कि उनके लिए यह नए प्रकार का कार्यक्रम था। संस्कार केन्द्र में शिक्षार्थीयों ने बताया कि केन्द्र के भ्रमण से उनकों संस्कार केन्द्र चलाने की मोटी-मोटी कल्पना ध्यान में आ गई। ग्राम सर्वेंक्षण से ध्यान में आया कि शिक्षार्थीयों को दिया गया सर्वेक्षण कार्य लगभग सभी ने रूचिपूर्ण ढग से पूरा किया।
सभी शिक्षार्थीयों में भ्रमण के लिए किसी दर्शनीय व धार्मिक स्थान पर जाने की उत्सुकता थी क्योकि पिछले वर्ष माता मनसा देवी पंचकूला का भ्रमण करवाया गया था परन्तु इस वर्ष का यह प्रयोग काफी अच्छा रहा अगले वर्ष हेतु कुछ इस प्रकार का नया प्रयोग शिक्षार्थीयों को सिखाने की दृष्टि से और अच्छा रहेगा क्योंकि इन प्रयोगों से वर्ग करने वाले षिक्षार्थी भावनात्मक रुप से जुडता है।
कुल मिलाकर जीवन का व्यवहारिक अनुभव, मानवीय संवेदना जागृत करना, अभावग्रस्त जीवन होते हुए भी आनन्द का वातावरण देखना ऐसी अनेक बातें इस शैक्षिक भ्रमण से आचार्यों को सीखने की मिली। अनुभव कथन के समापन पर मा. रवि कुमार जी सह संगठन मंत्री विद्या भारती हरियाणा ने कहा कि जो अनुभव इस शैक्षिक भ्रमण में आए है वो सब बातें विद्यालय की किन-किन गतिविधियों से मेल खाते है। जैसे अनुभव हमें आया है ऐसा बालकों को भी आना चाहिए अतः अपने विद्यालय में भी इस प्रकार की योजना करनी चाहिए।