कुरुक्षेत्र, शिक्षा का लक्ष्य बालक की अन्तर्निहित शक्तियों को जागृत कर उसे सुपथ पर बढ़ने की प्ररेणा देते हुए उसका शारीरिक, प्राणिक, मानसिक, बौद्धिक एवं आध्यात्मिक विकास करना है। शिक्षा के इसी लक्ष्य की पूर्ति निमित्त 1952 में प्रथम विद्यालय की शुरुवात करते हुए विद्याभारती ने देश भर में 25,000 विद्यालयों की शृंखला खड़ी की, जो निरन्तर प्रगति की ओर अग्रसर है। प्रतिवर्ष प्रान्तानुसार नव नियुक्त आचार्य (शिक्षक) भैया/बहिनों के प्रशिक्षण वर्ग लगाए जाते हैं, ताकि आचार्य (शिक्षक) भैया/बहिन प्रशिक्षण रुपी साधना से ऐसी युवा पीढी का निर्माण कर सकें- जो हिन्दुत्वनिष्ठ एवं राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत हो तथा जो जीवन की वर्तमान चुनौतियों का सामना सफलतापूर्वक करते हुए गिरि-कन्दराओं, वनवासी एवं ग्रामीण अंचल में रहने वाले दीन-दुखी, अभावग्रस्त अपने बन्धुओं को सामाजिक अन्याय व कुरितियों से मुक्त करा कर राष्ट्र को सुसम्पन्न, सुसंस्कृत एवं समरस करने में अपना जीवन समर्पित कर सकें।
ऐसा ही एक प्रशिक्षण वर्ग हरियाणा प्रान्त के कुरुक्षेत्र स्थित श्रीमद्भगवद्गीता वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में दिनांक 31.5.2016 से 15.6.2016 तक आयोजित हो रहा है। इस वर्ग में हिन्दू शिक्षा समिति हरियाणा के नगरीय क्षेत्रों में चलने वाले 31 विद्यालयों के 36 भैया और 51 बहनें प्रशिक्षण प्राप्त कर रहें हैं।
आज दिनांक 14.06.2016 को समापन सत्र मेें कुरुक्षेत्र विश्व-विद्यालय के उप कुलपति प्रो0 कैलाश चन्द्र शर्मा जी मुख्य अतिथि रहे । उन्होनें कहा कि भैया/बहनों की शैक्षिक गतिविधियाॅं मनोविज्ञान एवं क्रियाकलापों पर आधारित होनी चाहिए । विद्या भारती शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बड़ा गैर-सहायता प्राप्त संगठन हैं ।
समापन सत्र में जिला शिक्षा अधिकारी, कुरुक्षेत्र श्रीमती परमजीत शर्मा जी ने आचार्य (शिक्षक) दायित्व व विद्या भारती जीवन यात्रा पर प्रकाश डालते हुए आचार्य शब्द की गरिमा व विद्या भारती विद्यालयों के द्वारा समाज परिवर्तन के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला।
प्रशिक्षण वर्ग के समापन के अवसर पर विद्या भारती हरियाणा प्रान्त के संगठन मंत्री माननीय बालकिशन जी, प्रांत मंत्री डॉक्टर अवधेश पांडेय जी एवं संस्कृति शिक्षा संस्थान के सह सचिव मा०विजय गणेश कुलकर्णी जी उपस्थित थे। इस प्रशिक्षण वर्ग में राष्ट्रीय मंत्री व क्षेत्रीय संगठन मंत्री उत्तर क्षेत्र मा0 हेमचन्द्र जी, अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री श्री राम आरावकर जी, क्षेत्रीय मंत्री उत्तर क्षेत्र श्रीमान सुरेन्द्र अत्री जी, प्रांत सह संगठन मंत्री मा० रवि कुमार जी उपस्थित रहे।
बधाई। पहले बताया होता तो प्रत्यक्ष देखने और कुछ क्षण उस वातावरण का आनन्द लेने का सौभाग्य प्राप्त किया जा सकता था।