रोहतक. 9 जून. आज की शिक्षा सीमित एवं कृत्रिम हो गई है उसे व्यापक अर्थों में स्वीकार करने की आवश्यकता है। उपरोक्त शब्द श्रीमति इन्दुमति जी काटदरे, मंत्री, पुनरुथान ट्रस्ट अहमदाबाद ने रोहतक में शिक्षा भारती विद्यालय गोहाना मार्ग रोहतक में आयोजित गोष्ठी में कहे। विद्या भारती हरियाणा के तत्वाधान में आयोजित गोष्ठी में ‘भारतीय शिक्षा की प्रतिष्ठा हेतु करणीय कार्य’ विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जब शिक्षा ही समस्या बन जाती है तो देश समस्याओं से घिर जाता है। क्योकिं जैसी शिक्षा होती है वैसा समाज होता है।
आज की विकट समस्या भ्रष्टाचार नहीं शिक्षा का परिणाम है। शिक्षा को बदलना पड़ेगा। शिक्षा के प्राचीन मानदंडों का पुनःस्मरण करना होगा। यदि विश्वासपूर्वक कह सकते है कि यदि अपने सद्प्रयासों द्वारा शिक्षा के स्तर को उच्च स्तर पर ले जा पाए तो हमारे छात्रों का नैतिक स्तर भी अवश्य ऊँचा होगा।
रोहतक समिति के अध्यक्ष श्री चंद्रसेन जैन जी ने सभी का आभार किया। इस अवसर पर श्री वासुदेव जी, श्री हर्ष जी, डॉ विश्वराज जी विशेष रूप से उपस्थित रहे। गोष्ठी में 8 विद्यालयों के आचार्य एवं स्थानीय शिक्षाविदों ने भाग लिया।