एक दिवसीय कक्षा नायक कार्यशाला संपन्न : नूह संकुल

दिनांक 4 अक्टूबर 2016 को सरस्वती विद्या मन्दिर, बल्ल्भगढ विद्यालय में नूह संकुल की कक्षा नायकों की एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। जिसमें चार विद्यालय (गीता विद्या मन्दिर-उजीना, हिन्दू विद्या निकेतन-नूंह, हिन्दू वरि0 मा0 विद्यालय-नूंह, सरस्वती विद्या मन्दिर-बल्लभगढ) के 37 छात्र  भैया/बहिनों ने भाग  लिया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं निर्णायक महोदय श्री अभय दीप जी (प्रधनाचार्य एस० डी० काॅलेज, बल्लभगढ) थे।
वन्दना सत्र- माननीय अतिथि महोदय जी ने मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर सत्र  का उदघाटन किया। विद्यालय से आये आचार्य एवं  छात्र  भैया/बहिनों का परिचय हुआ। उसके बाद अतिथि महोदय जी का दिशा बोध् हुआ।
प्रथम सत्र- सभी विद्यालयों से आये छात्र भैया/बहिनों को चार वर्गों  में अलग-अलग (शिशु, बाल, किशोर, तरुण ) बैठाकर भैया/बहिनों से कक्षानायक के दायित्व पर व्यक्तिगत सामूहिक चर्चा की गई।
चर्चा में मुख्य रुप से यह बिन्दू आये।
1-    कक्षा में अनुशासन बनाकर रखने में कक्षानायक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सुझाव-कक्षानायक पहले स्वयं शान्त और अनुशासित रहें तो अपनी कक्षा  में अनुशासन बरकरार रख सकेगे।
2-    किन्ही परिस्थितियों में  अगर कक्षा अध्यापक कक्षा में उपस्थित नही हो पा रहे तो कक्षा नायक को चाहिए  कि सहपाठियों के साथ विषय को दोहराए।
3-    कक्षा  कक्ष की स्वच्छता, साज सज्जा में महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
4-    कक्षा नायक को चाहिए कि वह कक्षा में सभी बच्चों के साथ समान व्यवहार रखें।
5-    सेवा भाव एवं सहयोग की भावना का भाव जागृत हो-कक्षा  नायक उत्तम भैया/बहिनों के माध्यम से कमजोर भैया/बहिनोें को शिक्षण एवं आर्थिक दूष्टि से सहयोग  कर सकते है।
6-    कक्षा नायक के व्यवहार में नम्रता एवं कक्षा मे भैया/बहिनों के सुखःदुःख में आग्रिणी रहना।
7-    कक्षा का आदर्श स्वरुपः- कक्षा अध्यापक की सहायता से कक्षा नायक कक्षा को आदर्श स्वरुप देने में सहयोग  हो सकता है।
8-    अंहकार एवं द्वेष भावना से दूर।
9-    यदि कक्षा में कोई समस्या या वाद-विवाद है तो कक्षा अध्यापक एवं प्रधानाचार्य के समक्ष  सही तथ्य रखना।
10-  मित्रता का व्यवहार

द्वितीय सत्र--इस सत्र में एक विद्यालय के भैया/बहिनों ने दूसरे विद्यालयों के भैया/बहिनों से कक्षाकक्ष की समस्या व उसका निवारण कैसे किया जाए इस विषय पर परस्पर चर्चा की।

तृतीय सत्र- अनुभव कथन- सभी विद्यालयों के भैया/बहिनों ने कार्यशाला के अनुभव रखें।

समापन सत्र-3
इस सत्र में भैया/बहिनों को पुरस्कार वितरित किये गए ।
1-    चारों विद्यालयों में भैया/बहिनों में से उत्तम कक्षा नायक का पुरस्कार मुख्य अतिथि महोदय द्वारा बहिन दिवांशी कक्षा-षष्टम् सरस्वती विद्या मन्दिर, बल्लभगढ को दिया गया ।
2-    चारों  विद्यालयों के भैया/बहिनों में से उत्तम एवं व्यवस्थित गणवेश का पुरस्कार बहिन कृष्ण, कक्षा -सप्तम् सरस्वती विद्या मन्दिर, बल्ल्भगढ को दिया

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