कला संगम बच्चों को अंतनिर्हित प्रतिभाओं को बाहर निकालकर उसे सही दिशा देने का अवसर प्रदान करता है| प्रो० राजबीर सिंह

कलाएँ ही जीवन को वास्तव में जीवंत बनाती है एवं कला एक ऐसा सशक्त माध्यम है जिसके द्वारा कलाकार अपनी बात बड़े ही सहज तरीके से कह सकता है इसी कला के गुर विद्यार्थी में डालने के लिए विद्या भारती हरियाणा द्वारा दो दिवसीय (29 से 30 अक्टूबर 2018) कला संगम महा कुम्भ का आयोजन शिक्षा भारती विद्यालय (छात्रा शाखा) राम नगर,  रोहतक में किया गया | जिसमें 390 विद्यार्थियों ने  कला व संगीत, कपडा रंगाई, कविता, एकल गायन, लोक नृत्य वादन, हरियाणवी लोकगीत, शास्त्रीय गायन व नुक्कड़ नाटक आदि अनेक कलाओं का प्रदर्शन किया| उद्घाटन सत्र में मा० रवि कुमार जी – सह संगठन मंत्री विद्या भारती हरियाणा ने अपने उद्बोधन में कहा कि कलाएँ ही वास्तव में जीवन को जीवंत बनाती है|  कला संगम मंच के माध्यम से बाल कलाकारों को अपनी प्रतिभा निखारने का मौका मिलता है| तत्पश्चात वर्गानुसार अनेक गतिविधियां करवाई गई जिनमें एक तरफ तो बच्चों ने अपनी कलात्मकता, सृजनात्मक, र

चनात्मकता का परिचय देते हुए मेरा गाँव, स्वच्छ भारत, पर्यावरण सरंक्षण, नशा मुक्ति, रामायण, महाभारत, गौरक्षा, 2022 का भारत, महान विभूति या स्वदेशी अभियान, भारत का गौरव, बेटी बचाओ बेटी पढाओ, स्वर्ण जयंती हरियाणा, छोटा परिवार, पृथ्वी बचाओं, मधुबनी, जंगले का दृश्य उर्जा संरक्षण आदि विषयों पर चित्र कला एवं पोस्टर बनाये| अनुपयोगी वस्तुओं से फूल पत्ती के डिज़ाइन, पशु-पक्षी आदि की आकृतियाँ बनाई, कोलाज आदि के माध्यम से जागरूकता का सन्देश दिया| रंगोली, थापा, सांझी, अहोई आदि बनाकर विस्मृत होती भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित कर उनके  सरक्षण व संवर्धन का सन्देश दिया तो वहीँ दूसरी तरफ कविता, एकल गीत, हरियाणवी लोक नृत्य, आदि की अनोखी मिसाल पेश कर वातावरण को संगीतमय कर दिया| भारत की विभिन्न संस्कृतियाँ एक मंच पर नज़र आई| श्रीमती सुनीता रूहिल-जिला शिक्षा अधिकारी रोहतक ने सांस्कृतिक ने धरोहर को जीवित रखने का कला संगम कार्यक्रम को उत्कृष्ट माध्यम बताया एवं शिक्षा भारती विद्यालय के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए शुभकामनाएं दी| कार्यक्रम का समापन 30 अक्तूबर को किया गया|  इस समापन कार्यक्रम में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे: शास्त्रीयगायन, वादन की मन्त्र मुग्ध कर देने वाली प्रस्तुतियां प्रस्तुत की गई| कार्यक्रम के मुख्य वक्ता मा० बालकिशन जी – संगठन मंत्री विद्या भारती हरियाणा ने अपने उद्बोधन में कहा कि बच्चों के अंदर अनेक प्रकार की प्रतिभाएं छिपी होती है जो कई बार अवसर के आभाव में विकसित नहीं हो पाती| कला संगम इस प्रकार का मंच है जो बच्चों को अंतनिर्हित प्रतिभाओं को बाहर निकालकर उसे सही दिशा देने का अवसर प्रदान करता है| प्रो० राजबीर सिंह-कुलपति राज्य प्रदर्शन एवं दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक ने अपने उद्बोधन में कहा कि कला संगम एक ऐसा कार्यक्रम है जो बच्चों को अपनी छिपी हुई प्रतिभा को उभारने और निखारने का अवसर देता है |

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