30वें प्रान्तीय खेलकूद का दूसरा चरण 4 अगस्त को गीता विद्या मन्दिर, गोहाना के प्रांगण में प्रारम्भ हुआ। उद्घाटन कार्यक्रम में श्रीमती सुमन जिला जी शिक्षा अधिकारी सोनीपत, मुख्यवक्ता मा. रविकुमार जी सह- संगठन मंत्री, पर्यवेक्षक के रूप में डॉ. विश्वराज जी उपस्थित रहे। मा. रवि कुमार जी ने बताया कि विद्या भारती गत 30 वर्षों से खेलों का आयोजन कर रही है और 2007 से SGFI में बतौर प्रान्त मान्यता प्राप्त है SGFI द्वारा विद्या भारती को Fair एवं स्वच्छता अवार्ड मिला है जोकि किसी भी प्रान्त को नहीं मिला। मुख्य अतिथि द्वारा मंच से उद्घाटन की घोषणा की गई और आयोजकों को शुभकामनाएं प्रदान की। कार्यक्रम में ‘खेल खिलाड़ी खेल’ गीत का विद्यालय की बालिकाओं द्वारा सुन्दर गायन किया गया।
विद्या भारती हरियाणा के 30वें प्रान्तीय खेलकूद के दूसरे चरण का 6 अगस्त 2017 तक विधिवत रूप से समापन हुआ। इस समारोह के मुख्य अतिथि श्री ओ.पी नरवाल जी पुलिस अधिक्षक गुरुग्राम ने माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर किया। इस समारोह में प्रान्त से 7 संकुलों से 393 खिलाड़ी एवं 24 सरक्षक आचार्यों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में खो-खो, ताईक्वाड़ों, जूडों, वू-शू, योगासन, कैरम, साईकिलिंग एवं बेसबॉल खेल खेले गए। इस अवसर पर मा. बालकिशन जी-संगठन मंत्री विद्या भारती, डॉ विश्वराज, श्री रामकुमार मित्तल-सदस्य विद्या भारती हरियाणा एवं विद्यालय प्रबन्ध समिति के सदस्य भी उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि ने अपने उद्धबोधन में कहा कि समर्पण से ही जीवन में उँचाइयों को छुआ जा सकता है। जिनके भी मन में समर्पण की भावना आ जाती है वह देश और देश में चलने वाले सभी अभियानों को सफल बना सकता है। उन्होने कहा कि हमें पाश्चत्य संस्कृति के पीछे न दौडकर अपनी मातृभूमि और माता पिता के सम्मान को सर्वाेपरि रखना चाहिए।
उन्होेंने बच्चों को अपने क्षेत्र में एकाग्रचित होकर कार्य करने के लिए प्रेरित किया जिसके लिए उन्हाने अपनी जीवन की घटनाओं को भी साँझा किया। संगठन मंत्री मा. बालकिशन जी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि अनुशासन हमारे जीवन को सर्वश्रेष्ठ बनाता है उसी के कारण हम जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते है। अनुशासन में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का ही नाम लिया जाता है। सभी खेलों में प्रान्त स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली टीमें अब क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेगी।
अन्त मे विद्यालय प्राचार्या डॉ संतोष देवांगन ने आए हुए सभी गणमान्य अतिथियों, निर्णायकों, आचार्यों एवं बच्चों से धन्यवाद किया।