प्रांतीय संगीत अभ्यास वर्ग संपन्न

विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के तत्वाधान में दो दिवसीय संगीत कार्यशाला को आयोजन किया गया। इस वर्ग का उद्घाटन गीता विद्या मन्दिर, गोहाना के प्राचार्य डॉ संतोष कुमार देवांगन प्रान्त संगीत प्रमुख श्रीमती रजनी जी एवं प्रान्त संगीत सह-प्रमुख श्री सुरेन्द्र जी के कर-कमलों द्वारा माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वन्दना से हुआ। इस वर्ग में प्रान्त के 17 विद्यालयों के 20 आचार्यों ने भाग लिया। इस वर्ग का उद्देष्य वन्दना की अशुद्धियों को ठीक करना, गीत अभ्यास, स्वर साधना तथा संगीत के पाठ्यक्रम की जानकारी देना था ताकि विद्यालय में प्रातः कालीन वन्दना सत्र को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके एवं संगीतमय वातावरण बन सके। चर्चा सत्र में प्रान्तीय संगठन मंत्री माननीय बालकिशन जी ने आचार्यों को बाताया कि संगीत विषय कैसे बालकों के विकास मे सहायक है। प्रत्येक विद्यालय से संगीत कक्ष हो, संकुल स्तर पर संगीत की बैठक वर्ष में दो बार अवश्य हानी चाहिए इत्यादि विषयों पर चर्चा की। प्रान्तीय सह-संगठन मंत्री माननीय रवि जी ने छात्रों को गीत अभ्यास किस तरह से करवाया जाए का अभ्यास आचार्याें का करवाया ताकि विद्यालयों के प्रत्येक छात्र को गीत कठंस्थ हो सके। इन्होने संकुल प्रमुख बैठक भी ली जिसमें 9 संकुल मे से 5 संकुल प्रमुखों ने भाग लिया। दिनांक 18 नवम्बर को वर्ग का समापन माननीय रवि कुमार जी के प्रेरणादायक उद्बोधन से हुआ। उन्होने कहा कि विद्या भारती ने सर्वागीण विकास की दृष्टि से आधारभूत विषयों में संगीत को रखा है। पंचकोशों के विकास में विशेषकर मनोरंजक मनोमय कोश का विकास संगीत के माध्यम से होते है। संगीत विषय के पाठ्यक्रम को अपने विद्यालय में क्रियान्वयन के लिए हम प्रयासरत रहे।

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