युवा पीढ़ी को दिशा देने में आचार्य निभा सकते है महत्वपूर्ण भूमिका : डॉ सिंह

पुनश्चर्या वर्ग का समूह चित्र
पुनश्चर्या वर्ग का समूह चित्र

विद्या भारती हरियाणा (हिन्दू शिक्षा समिति)  द्वारा श्रीमदभगवद गीता व मा विद्यालय, कुरुक्षेत्र में द्वारा 23 वां आचार्य विकास वर्ग एवम् तृतीय पुनश्चर्या वर्ग का आयोजित किया गया। पुनश्चर्या वर्ग में 11 भैया व 9 बहिने  तथा आचार्य विकास वर्ग में प्रान्त के 22 विद्यालयों के 39 भैया व 56 बहिनों ने सहभागिता की इस प्रकार इस वर्ग में 50 भैया व 65 बहिनों (कुल संख्या 115) ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। आचार्य विकास वर्ग में 8वें दिन डॉ मेजर सिंह (अध्यक्ष डी.ए .वी कॉलेज कॉमर्स विभाग) ने कहा कि देश को दशा और दिशा देने में शिक्षक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है विद्यालय और कॉलेज में दी जाने वाली देश पर निर्भर करती है| आज हम युवाओं को जैसी शिक्षा देंगे वैसा ही देश का निर्माण होगा| उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ साथ संस्कार शिक्षा भी दी जानी चाहिए| प्राचीन काल से ही संस्कारों के दम पर भारत विश्वगुरु बना है|

प्रशिक्षण में प्रातः 4.45 से रात्रि 10 बजे तक विभिन्न शिक्षण कालांशों का प्रतिपादन किया गया।योग के 15,कक्षा शिक्षण के 30,चर्चा के 15 कालांश,स्वाध्याय के 15 कालांश,सांस्कृतिक के 15 कालांशों सहित 90 कालांश लगे।

इसके अतिरिक्त 17 दिशा बोध के कालांश हुए।इसमें शिक्षक के वैचारिक अधिष्ठान को पुष्ट किया गया।इस वर्ग में 2 अखिल भारतीय,3 क्षेत्रीय,4 प्रांतीय अधिकारियों

प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित करते हुए

का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय,सेठ बनारसी दास महाविद्यालय,डाइट कुरुक्षेत्र,शिक्षा विभाग हरियाणा,भारतीय योग संस्थान कुरुक्षेत्र,आरोग्य भारती हरियाणा,n i t.कुरुक्षेत्र से आये विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण में सराहनीय सहयोग किया गया।शिक्षण में आधुनिक तकनीक व क्रिया आधारित शिक्षण विधि का भरपूर उपयोग किया गया। कक्षा शिक्षण गीता विद्यालय के छात्रों की कक्षाओं में किया गया।

 

वर्ग संचालन व कुशल नेतृत्व करने के लिए आचार्य भारती का गठन किया गया। तकनीक के इस युग में लुप्त होती जा रही लेखन विधा को पुष्ट  करने के लिए प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी हस्त लिखित पत्रिका’ प्रशिक्षण प्रवाह’ का प्रकाशन किया गया।सामाजिक संस्कार व संवेदना जगाने के लिए कुरुक्षेत्र व आस पास के गाँव में जाकर संस्कार केंद्र दर्शन,ग्राम सर्वे

आचार्य विकास वर्ग सामूहिक चित्र

क्षण’,बस्ती दर्शन आदि का अवलोकन किया गया जिसका अनुभव बहुत अच्छा रहा।

 

वर्ग के समापन सत्र में डॉ. घनश्याम शर्मा (वैज्ञानिक NDRI) जी उपस्थित रहे| उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्र की गुणवत्ता नागरिक पर नागरिक की गणवत्ता शिक्षा पर शिक्षा की गुणवत्ता शिक्षक पर निर्भर करती है शिक्षक के द्वारा दी गई शिक्षा राष्ट्र एवं समाज हित में होती है |

प्रशिक्षण के अंत में 9 प्रकार की विधाओं की परीक्षा हुई। प्रान्त के प्रशिक्षण प्रमुख श्री रामकुमार जी के कुशल नेतृत्व में 15 जून प्रातः 10 बजे दीक्षांत समारोह के साथ ही यह वर्ग सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस मौके पर अखिल भारतीय अधिकारियों में श्री अवनीश भटनागर जी,श्री हेमचंद्र जी व क्षेत्रीय अधिकारियों में श्री सुरेन्द्र जी अत्री,श्री हर्ष जी,श्री विजय नड्डा जी व प्रांतीय संगठन मंत्री श्री बालकिशन जी व सह संगठन मंत्री श्री रवि कुमार जी के सान्निध्य का लाभ वर्ग के शिक्षार्थियों को भरपूर मिला। इसके अतिरिक्त प्रांतीय समिति के अध्यक्षद्वय श्री ऋषिराज वशिष्ठ व श्री जगन्नाथ शर्मा जी व मंत्रीद्वय श्री अवधेश पाण्डेय जी व श्री चेतराम शर्मा जी ने मौजूद रहे।

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