लक्ष्य बनाकर मेहनत करने पर सफलता अवश्य मिलती है। आज का समय प्रतियोगिता का है। जो विद्यार्थी इस प्रतियोगिता में पिछड़ गया उसे अपना लक्ष्य प्राप्त करने में कठिनाई आती है। मेधावी विद्यार्थियों को अपनी सफलता का अभिमान नही करना चाहिए। अभिमान उन्हें आगे बढ़ने में रूकावट पैदा करता है। अभिभावकों व अध्यापकों का कर्त्तव्य बनता है वे बच्चों को हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देते रहें। ये विचार हेमचंद्र , महामंत्री, विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान ने उत्कृष्ट- 2018 कार्यक्रम में रखे। कार्यक्रम का आयोजन पूर्व छात्र परिषद, विद्याभारती हरियाणा ने संस्कृति भवन, गीता निकेतन आवासीय परिसर में किया गया था।
रोशन लाल सैनी, पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव हरियाणा सरकार ने कहा कि सफलता प्राप्त करना आसान है लेकिन सफलता को बनाया रखना काफी कठीन है। विद्यार्थी में केवल अंक लेना जितना महत्वपूर्ण है उतना ही अच्छे संस्कार प्राप्त करना भी हो। ज्यादा अंकों के लिए विद्यार्थियों को तनाव नहीं लेना चाहिए।
रवि कुमार, सह संगठन मंत्री , विद्याभारती हरियाणा ने कार्यक्रम की भूमिका रखते हुए कहा कि मेधावी विद्यार्थी बहुत होते हैं। मेधावी से उत्कृष्ट बनने में कड़ी मेहनत की जरूरत पड़ती है। अनुशासित विधार्थी ही जीवन के हर क्षेत्र में सफल होता है। यह कार्यक्रम अन्य विद्यार्थियों को भी आगे बढ़ने में प्ररेणा देगा।
कार्यक्रम संयोजक संजय चौधरी ने बताया कि विद्या भारती हरियाणा के विभिन्न विद्यालयों के दसवीं व बाहरवीं की हरियाणा शिक्षा बोर्ड व केन्द्रीय शिक्षा बोर्ड की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन वाले 26 विधार्थियों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में सुरेन्द्र अत्री, बालकिशन, संगठन मंत्री, डॉ ऋषि राज वशिष्ठ, जगन्नाथ शर्मा, श्याम मित्तल, डॉ पंकज शर्मा, राकेश मेहता, वैभव शर्मा, नरेंद्र पोसवाल , अनिल कुलश्रेष्ठ, सुरेश जोशी आदि अनेक अधिकारी व पूर्व छात्र उपस्थित रहे।