वर्तमान शिक्षा पद्धति में बोध चतुष्टय आवश्यक : हेमचन्द्र

‘करत करत अभ्यास ते जड़मति होत सुजान।’ हरियाणा प्रान्त के ऐसे आचार्य जिन्हे आधार वर्ग किए 10 वर्ष या अधिक हो गए उन आचार्यों का 7 दिवसीय पुनश्चर्य वर्ग श्रीमद्भगवद् गीता विद्यालय कुरुक्षेत्र में 1 से 8 जून तक आयोजित किया गया। वर्ग में 15 दिवसीय आधार वर्ग की कुछ बातों का पुनः स्मरण एवं आज के समय के हिसाब से नये विषय, विद्यालय और मीडिया, कक्षा कक्ष में नवाचार, Activity Base Learning आदि का प्रशिक्षण दिया गया। प्रिशिक्षण में आधुनिक तकनीक PPT, Projector  आदि का भी उपयोग किया गया। वर्ग में प्रशिक्षण के राष्ट्रीय संयोजक श्री राजेन्द्र जी बधेल द्वारा बालकेन्द्रित क्रिया आधारित शिक्षण तीन सत्रों मे रोचक वर्णन किया।
8 जून को प्रातः 7 दिवसीय पुनष्चर्या वर्ग का समापन किया गया। इस वर्ग में हरियाणा प्रान्त के 10 विद्यालयों से कुल मिलाकर 45 आचार्य भैया/दीदी ने भाग लिया जसमें 33 आचार्य भैया एवं 12 दीदी उपस्थित रहे।
समापन समारोह के मुख्य वक्ता विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के राष्ट्रीय मंत्री श्री हेमचन्द्र जी तथा मुख्य अतिथि के तौर पर लाडवा विधानसभा के विधायक डॉ. पवन सैनी उपस्थित रहें।
श्री हेमचन्द्र जी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर जोर देते हुए छात्रों के सर्वांगीण विकास तथा जीवन मूल्यों पर प्रकाश डाला एवं विद्या भारती की शिक्षा नीति के लक्ष्यों पर भी अपने विचार दिए। उन्होने कहा कि वर्तमान शिक्षा पद्धति देश, समाज, संस्कृति एवं आध्यात्मिक बोध कराने वाली होनी चाहिए।
डॉ. पवन सैनी जी ने हमारी वर्तमान शिक्षा जगत की चुनौतियों पर प्रकाश डाला तथा विद्या भारती के आचार्य को अपने आचरण से सिखाने के लिए सभी आचार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

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