विद्या भारती के द्वारा स्थापित आयामों की अनुपालना एवं मूल्यांकन आवश्यक : हेमचंद

कुरुक्षेत्र 4 जून. हिन्दू शिक्षा समिति व ग्रामीण शिक्षा विकास समिति द्वारा आयोजित विद्यालय प्रबन्ध समिति के पदाधिकारीयों कीimg-20160914-wa0000 एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन गीता कन्या वरि. मा. विद्यालय में किया गया जिसमें 52 विद्यालयों से आए 118 पदाधिकारियों ने भाग लिया। इस कार्यशाला का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन व वंदना के साथ किया गया। कार्यशाला में मा0 हेमचंद्र जी, मा0 बालकिशन जी, मा0 श्रीपाल जी, मा0 रतनचन्द जी आदि उपस्थित रहे।
मा0 हेमचन्द्र जी, राष्ट्रीय मंत्री ने प्रथम सत्र में उद्बोधन देते हुए कहा कि आवश्यकता अनुसार कार्यशाला का आयोजन किया जाना चाहिए जिसे समय-समय से कार्य का स्मरण होने से दिशा ठीक रहती है। उन्होने कहा कि लक्ष्य तक पहुँचने के लिए विद्या भारती ने कुछ आयाम स्थापित किए है। उनकी अनुपालना एवं मूल्यांकन करना चाहिए, क्या देश में विद्यालयों की कमी है ऐसा विचार करना, अधिक अंक दिलाने वाले, अक्षर ज्ञान देने वाले अनेकों विद्यालय है। कार्यशालाओं का आयोजन, उद्देश्य, लक्ष्य, पथ का ज्ञान, पुनरावृति व पुनःस्मरण एवं आम व्यक्ति जितना अधिक जागृत होगा, विचारवान होगा उतना देश उतना ही आगें बढे़गा।
दुसरे सत्र में मा0 श्री रवि जी सह-संगठन मंत्री (विद्या भारती-हरियाणा) ने शिक्षा क्षेत्र के कुछ नए विषयों का परिचय पीपीटी के माध्यम से कार्यशाला के रूप में कराया।img-20160914-wa0003
नए विषयों में प्रमुख थे – Corporate Social Responsibility (CSR), Skill India by NSDC National Skill Development,
ICT (Information & Communication Tech), Atal Tinkring Lab.
एक सत्र में पदाधिकारियों को अपने दायित्व अनुसार क्या करना है इसकी गट अनुसार बैठकर परस्पर चर्चा हुई।
समापन सत्र में मा0 श्री बालकिशन जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि विद्या भारती के 22 विषयों में से 18 विषय उत्तर क्षेत्र में चल रहे है एवं विद्या भारती का काम अभी 16 जिलों में है। शेष 5 जिलों में भी कार्य प्रारम्भ होना चाहिए, अनुभव बांटने से प्रशिक्षण होता है प्रशिक्षण के लिए कम से कम दो दिन की कार्यशाला होनी चाहिए। अपने-अपने विद्यालयों में समय का समर्पण करे एक विद्यालय अनेक संस्कार केन्द्र एवं संस्कार केन्द्र विद्यालय से बाहर खोले ओर प्रबन्ध समिति के सदस्य भी संस्कार केन्द्र से जुडें। प्रबन्ध समिति की भूमिका विद्यालय में सहयोगी की भूमिका है। विद्यालय एक संवैधानिक इकाई है इसलिए नियमानुसार कार्य करें। अंत में शांति मन्त्र के साथ कार्यशाला संपन्न हुई।

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