विद्या भारती सभी पूर्व आचार्यों से उनके वर्तमान विद्यालयों में संस्कारी शिक्षा देने की अपेक्षा रखती हैं : रवि कुमार

पूर्व आचार्य विद्या भारती के आधारभूत शिक्षा विषयों को उनके वर्तमान विद्यालयों में भी आरंभ करने का प्रयास करें। उन सभी लोगों से हम आशा करते हैं कि वे विद्या भारती की संस्कारवान व अनुशासित शिक्षा बच्चों को दें। सेवानिवृत्त आचार्य से अपेक्षा है कि समाज में अपनी अलग पहचान बना समाजसेवा में अपनी अग्रणी भूमिका निश्चित करें। विभिन्न अन्य विद्यालयों में कार्यरत स्वंयसेवक आचार्य समाज को अनुशासित व देश भक्त नागरिक देने में अपना योगदान दे। उपरोक्त विचार हेमचंद्र , राष्टीय मंत्री, विद्या भारती ने विद्या भारती हरियाणा द्वारा आयोजित पूर्व आचार्य व स्वयंसेवक आचार्य मिलन सामारोह ‘सृजक -2018’ जिला कुरुक्षेत्र में रखे। कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति भवन में किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक आचार्य व विद्या भारती के विद्यालयों में कार्य कर चूके 110 आचार्यों ने हिस्सा लिया।

कार्यक्रम की भूमिका रखते हुए विद्या भारती के सह संगठन मंत्री रवि कुमार ने कहा कि विद्या भारती बालकों को संस्कारयुक्त, मूल्य आधारित तथा हिंदुत्व व राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत शिक्षा देने का काम कर रही है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य यंहा के पूर्व आचार्यों से वर्तमान में उनके कार्यक्षेत्र के अनुभवों को सांझा करना है।  कार्यक्रम के पहले सत्र में अनेक पूर्व आचार्यों ने विद्या भारती के विद्यालयों के अनुभव उनके जीवन व दूसरे कार्यक्षेत्रों में प्रयोग में आने के बारे विस्तार से चर्चा की। पूर्व आचार्य प्रद्युमन भल्ला ने बताया कि गीता निकेतन आवासीय विद्यालय से प्राप्त अनुशासन उनके पारिवारिक जीवन व राजकीय विद्यालय में उनके काम आ रहा है। वही अनुशासन वे अपने वर्तमान विद्यालय में लागू करने का प्रयास कर रहा है।

 

श्रीमद्भगवद गीता विद्यालय के पूर्व आचार्य रमेश शास्त्री ने बताया कि जब उन्होने राजकीय सेवा आरम्भ की तो वहां का वातावरण न तो अनुशासित था ना ही संस्कारयुक्त । हमने प्रयास किया कि विद्या भारती की ही तरह राजकीय विद्यालय का सत्र भी हवन यज्ञ से आरम्भ किया जाएं तथा अन्य कार्यक्रम भी भारतीय व हिन्दू संस्कारों से करवाए जाएं ।

गीता विद्यालय के पूर्व आचार्य बलवान सिंह ने मेवात क्षेत्र के अपने अनुभव को सांझा किया कि कैसे उन्होने वहां के राजकीय विद्यालयों में पढने वाले विद्यार्थी जो हमेशा पाकिस्तान समर्थक रहते थे, उन्हें भारत के प्रति प्यार सिखाने का प्रयास किया। ऐसा मैं विद्या भारती के अनुभवों के कारण करने में सफल हो पाया।
इस कार्यक्रम में बालकिशन संगठन मंत्री, चेतराम मंत्री ग्रामीण शिक्षा विकास समिति, श्रीमति राजविज उपाध्यक्षा उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *