शिक्षा संस्कृति आधारित, समाज आधारित, सामान्य जन के लिए व प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए : संस्कार केंद्र प्रशिक्षण वर्ग

16 अक्तूबर.रोहतक. प्रान्त के संस्कार केन्द्रों के आचार्य दीदी/भैया एवं प्रभारियों का प्रशिक्षण वर्ग दिनांक 15 अक्तूबर 2016 शनिवार प्रातः11 बजे से प्रारम्भ हो कर 16 अक्तूबर 2016 दिन रविवार दोपहर बाद 3 बजे तक शिक्षा भारती व. मा. विद्यालय भाऊ अकबर2पूर (रोहतक) में संपन्न हुआ

प्ररिक्षण वर्ग का उद्घाटन मा0 श्री रवि जी (सह-संगठन मंत्री विद्या भारती-हरियाणा) द्वारा द्वीप प्रज्जलन कर किया गया। मा0 रवि जी ने शिक्षा का विषय लेते हुए स्वतन्त्रता से पहले मैकाले शिक्षा पद्धति व वर्तमान समय की शिक्षा पद्धति के विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी दी व बताया कि संगठन द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर योजना 1952 से प्रारम्भ की गई। बाद में 1977 में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान का विधिवत गठन किया गया। शिक्षा संस्कृति आधारित, समाज आधारित, सामान्य जन के लिये व प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए।

संस्कार केंद्रों की आवश्यकता बताते हुए चेन बनाने पर समाज रुपी 1चेन किस प्रकार से तोडी जा सकती है। समाज की कमजोर कड़ी जैसे अनपढता, गरीबी, पिछडा समाज, ऐसी समाज की कमजोरी को ध्यान में रख कर भारत विरोधी मिशनरी इनका प्रयोग कर समाज को तोडने का प्रयास करती है। अतः हमें ऐसी बस्तियों में सस्कार केन्द्रों के माध्यम से सशक्त बनाने की आवश्यकता है। समाज में साक्षरता, भारतीय संस्कृति, स्वास्थ्य,  स्वदेश प्रेम, स्वालम्बन एवं सामाजिक चेतना लाने की आवश्यकता है।

मा0 श्री बालकिशन जी संगठन मंत्री विद्या भारती-हरियाणा ने संस्कार केन्द्रों में दिनचर्या व वर्षभर में हाने वाली कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। संस्कार केन्द्र चलाने में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के साथ-साथ संस्कार केन्द्रों में जो समय सारिणी रहती है उसकी जानकारी देते हुए अभ्यास भी करवाया गया।
इस प्रशिक्षण वर्ग में प्रान्त से 10 प्रभारी व 14 आचार्य दीदी/भैया ने भाग लिया। अन्त में कल्याण मन्त्र से प्ररिक्षण वर्ग का समापन किया।

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