शिशुवाटिका प्रशिक्षित आचार्या प्रशिक्षण वर्ग का हुआ समापन

दिनांक 23 से 25 नवम्बर,2017 तक गीता विद्या मंदिर, गोहाना में तीन दिवसीय शिशुवाटिका प्रशिक्षित आचार्या प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन मा. रवि कुमार जी-सह संगठन मंत्री विद्या भारती हरियाणा, श्रीमती राजविज जी-उपाध्यक्षा हिन्दू शिक्षा समिति, श्री रामकुमार जी-प्रान्त प्रशिक्षण प्रमुख विद्या भारती हरियाणा ने माँ सरस्वती के समक्ष द्वीप प्रज्ज्वलन कर किया। इस वर्ग में 15 विद्यालयों से 31 बहिनों की प्रतिभागिता रही । मा० रवि कुमार जी ने अपने उद्बोधन में शिशु के समग्र विकास की अवधारणा भी स्पष्टता के साथ-साथ शिशु-शिक्षा को भी सपष्ट किया एवं शिशु के पंचकोषीय विकास द्वारा शिक्षा को समझाया। श्री रामकुमार जी ने आचार्यों को सतत् प्रशिक्षण के महत्त्व को समझाया। क्षेत्र की शिशुवाटिका प्रमुख बहिन सुनीला जी एवं सह-प्रमुख बहिन नम्रता दत्त जी के मार्गदर्शन में क्रिया-आधारित वर्ग सम्पन्न हुआ। बहिन सुनीला जी ने शिशुवाटिका की 12 शैक्षिक व्यवस्थाओं का वर्णन करते हुए शिशु विकास में उनका महत्त्व बताया। डॉ संतोष जी देवांगन ने शिशुवाटिका पाठ्यचर्या को स्पष्ट करते हुए क्रिया एवं अनुभव आधारित शिक्षा पर जोर दिया उन्होंने शिशु शिक्षा एवं प्राथमिक शिक्षा का अन्तर स्पष्ट किया और कहा कि शिशु कक्षा का पाठ्यक्रम जीवन का घनिष्टतम अनुभव, क्षमताओं का विकास है। उनकी बुद्वि कौशल का विकास हो, उन्हें अपने पूर्वजों की पहचान हो  एवं उनमें सद्गुण और सदाचार का बीजारोपण शिशुवाटिका से ही किया जाए। शिशुवाटिका की 12 शैक्षिक व्यवस्थाओं में प्रयत्क्ष रुप से बच्चों को शिक्षण किस प्रकार करवाया जाता है। इसका प्रदर्शन भी बच्चों एवं आचार्यों द्वारा कराया गया।

सह क्षेत्रीय प्रमुख ने ‘भाषा-विज्ञान’ में भाषा किस प्रकार सीखी जाती है यह समझाया। शिशुवाचन माला का शिक्षण एवं महत्त्व स्पष्ट किया। वर्ग के समापन सत्र में बहन नम्रता दत्त ने अपने उद्बोधन में बताया कि मनुष्यता शिशु के नन्हें-नन्हें पगो से ही आगे बढती है। हमें शिशुवाटिका में ही यानि घर एवं विद्यालय 0 से 5 वर्ष तक की आयु में ही इस प्रकार के संस्कार डालने होंगे ताकि वह एक श्रेष्ठ मनुष्य बने।

विद्यालय के प्राचार्य जी एवं प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष द्वारा धन्यवाद पश्चात कल्याण मंत्र के साथ का समापन हुआ। इस वर्ग में प्रान्त की सह-प्रमुख बहिन कविता जी एवं शिशुवाटिका टोली की विषेष आमन्त्रित बहिन कृष्णा वर्मा कुरुक्षेत्र भी उपस्थित रही।

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