विद्या भारती हरियाणा द्वारा प्रांतीय स्तर पर चार दिवसीय सामाजिक विषय कार्यशाला 27 जून से 30 जून तक आयोजन किया गया| जिसमे 7 संकुल से 24 विद्यालयों के 15 आचार्य भैया एवं 24 आचार्य दीदी ने भाग लिया| कार्यशाला को 15 सत्रों में विभाजित किया गया जिन्हें 6 विषय प्रमुख श्री रवि कुमार जी, श्रीमती कुसुम कौशल जी, श्रीमती ममता सिंह जी, श्रीआशुतोष जी, श्री कुलदीप मेहंदीरत्ता जी एवं श्रीमती चारू शर्मा जी के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया| कार्यशाला के उद्घाटन में श्री बालकिशन जी-संगठन मंत्री मंत्री विद्या भारती हरियाणा ने सामाजिक विषय के महत्त्व एवं सामाजिक विज्ञान विषय के आचार्यों से समाज की अपेक्षाएं एवं उनके दायित्व के प्रति सभी प्रतिभागियों को सचेत किया|
कार्यशाला के पहले सत्र में सामाजिक विज्ञान विषय का पाठ्यक्रम ने महत्त्व, शिक्षकों को अध्यापन में एवं विद्यार्थियों को अध्ययन में आने वाली परेशानियों की सूचीबद्ध किया| कार्यशाला के बाकी सत्रों में विषय प्रमुखों ने प्रतिभागिता का मार्गदर्शन गतिविधि उन्मुखता से किया जिसके विषय रहे- अध्यापन के तरीकों में आधुनिकता का समायोजन, सैद्धान्तिक विषयों को किस प्रकार रोचक बनाया जाए, सीमित समय में विस्तृत पाठ्यक्रम को किस प्रकार पढाया जाए, पाठ्यक्रम आधारित विभिन्न आंतरिक एवं बाहरी गतिविधियाँ एवं पाठ्यक्रम योजनाएं कैसे तैयार की जाएं इत्यादि|
सामाजिक विषय का विभिन्न प्रतिभागी परीक्षाओं, समसामाजिक, सामान्य ज्ञान आदि से क्या समन्ध है इस विषय पर बोलते हुए डॉ. कुलदीप मेहंदीरत्ता जिन्होंने कहा कि IAS जैसे परीक्षा में कक्षा 6 से 10 तक के सामाजिक विज्ञानं पाठ्यक्रम में से काफी कुछ पुछा जाता है| उन्होंने बताया कि सभी प्रकार की प्रशासनिक सेवाओं की परीक्षा में कक्षा 6 से 10 के पाठ्यक्रम में से आवश्यक रूप से प्रश्न आते है| यह सत्र सभी के लिए अत्यंत रोचक रहा व नये प्रकार का रहा|
सभी सत्र क्रिया आधारित रहे प्रतिभागियों ने कर के सिखने का प्रयास किया एवं सन्देश प्राप्त किया कि किस प्रकार शिक्षण रुचिकर बनाया जा सकता है|
समसामाजिक विषय धारा 370, 35A पर प्रतिभागियों का ज्ञानवर्धन चलचित्र के माध्यम से किया गया|
प्रतिभागियों ने अपने अधिकतर प्रश्नों के उत्तर एवं कठिनाईयों से समाधान आपसी मंथन एवं विषय प्रमुखों के मार्गदर्शन से प्राप्त किए|