30वें प्रान्तीय खेलकूद समारोह का तीसरा चरण सम्पन्न विजेता खिलाड़ी क्षेत्रीय प्रतियोगिता में भाग लेंगे

श्रीमद्भगवद्गीता वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में दिनांक 19 से 21 अगस्त 2017 तक विद्या भारती हरियाणा प्रान्त के 30वें प्रान्तीय खेलकूद समारोह के तीसरे चरण का आयोजन किया गया। समारोह का उद्घाटन प्रातः 11ः00 बजे मा. सतनारायण जी उपाध्यक्ष विद्या भारती हरियाणा व विद्यालय के प्रबन्धक महोदय श्री सतपाल जी शर्मा, श्री सुरेन्द्र तंवर पूर्व छात्र. डॉ नितिन सहगल पूर्व छात्र व संजीव छाबड़ा पूर्व छात्र ने किया। प्रान्तीय खेलकूद समारोह में 419 भैया/बहिनें, 23 सरंक्षक आचार्य, 21 निर्णायक व 4 अन्य लोगों ने भाग लिया। इस खेलकूद समारोह में एथलेटिक्स, रस्सा खींच व शतरंज के खेलों में शिशु भैया/बहिनें, बाल वर्ग भैया/ बहनें  तरुण वर्ग भैया/बहिनें ने भाग लिया।

श्री सतनारायण जी ने बताया कि खेलों से स्वास्थ्य ठीक रहता है और जीवन में आत्मविश्वास पैदा होता है। विद्या भारती गत अनेक वर्षों से ऐसे खेलों का आयोजन करती आ रही है। खेलों के माध्यम से शारीरिक व व्यक्तित्व विकास करना खेलों के आयोजन का उद्हेश्य  है।

दिनचर्या प्रातः 5ः00 बजे से रात्री 10ः00 बजे तक चलती थी। 5ः00 बजे जागरण, 6ः15 बजे प्रातः स्मरण, एकात्मता स्त्रोत व व्यायाम योग करवाये जाते थे 7ः30 बजे अल्पाहार, 8ः15 खेलों का सत्र प्रारम्भ हो जाता था। 1ः00 बजे से 2ः30 बजे तक भोजन व विश्राम, 3ः00 बजे के बाद खेलोें का प्रारम्भ हो जाता था सायं 7ः00 बजे से 8ः30 तक वंदना, गीत प्रतियोगिता व पारितोषक वितरण होता था। खेलकूद का समापन 21.08.2017 को प्रांत 10:00 बजे प्रारंभ हुआ जो कि 12:30 तक चला ,अतिथि मा. योगेश्वर जोशी प्राचार्य भगवान परशुराम कॉलेज, कुरुक्षेत्र, मा. ओम प्रकाश जी गुप्ता प्रान्त कार्यकारिणी सदस्य प्रबन्धक महोदय श्री सतपाल जी शर्मा एवं श्री नरेश जी कोषाध्यक्ष श्रीमद्भगवद्गीता व. मा. विद्यालय, कुरुक्षेत्र उपस्थित रहे।
विशिष्ट अतिथि श्री योगेष्वर जोशी  विजेता खिलाडियों को शुभकामनाएँ दी।
मा. रवि कुमार जी सह संगठन मंत्री विद्या भारती हरियाणा ने समापन पर अपने उद्बोधन में कहा आंधी क्या तूफान मिले चाहे जितने व्यवधान मिले बढ़ना ही अपना काम है। इस गीत को चरितार्थ आयोजकों व निर्णायकों ने किया। वितरित मौसम के बावजूद खेलों का सफल आयोजन किया। उन्होने कहा कि टीम गेम की बजाय ऐथलेटिक्स में अधिक EFFORT करने की आवष्यकता रहती है। 100 मी. दौड के अभ्यास के लिए एक-एक दिन में 13 बार अभ्यास के लिए एक-एक दिन में 13 बार अभ्यास करना पड़ता हैै। और 13 बार के दम को प्रतियोगिता में एक बार में डालना होता है तब जाकर रिकार्ड बनता है।
पुरस्कार वितरण के रूप में Overall विजेता को ट्रोफी व सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को परितोषित दिया गया। Overall विजेता व सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी शिक्षा भारती विद्यालय भाऊ अकबरपुर को चुना गया।

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