हमारा उद्देश्य विद्या भारती के लक्ष्य को पूर्ण करना है : बाल किशन

हमारा उद्देश्य मात्र विद्यालय चलाना नहीं अपितु विद्या भारती के लक्ष्य को पूर्ण करना है। छात्र हमारा आधार है। वह हमारे किसी भी फटक यानी आचार्य प्रधानाचार्य के कारण विद्यालय ना छोड़े। विद्यार्थी एवं अभिभावक की संतुष्टि हमारा कर्तव्य है। Read more

विद्या केवल अक्षर ज्ञान के लिए नहीं अपितु अपने जीवन को साकार करने के लिए ग्रहण करनी चाहिए : दीननाथ बत्रा

“तमसो मा ज्योतिर्गमय” द्वारा बताया गया है कि शिक्षा हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है। विद्यालय की शिक्षा का प्रभाव हमारे जीवन में नजर आना चाहिए एवं विद्या केवल अक्षर ज्ञान के लिए नहीं अपितु अपने जीवन Read more

विद्या भारती हरियाणा ने मनाई अपनी 75वीं वर्षगांठ

शिक्षा के क्षेत्र में विद्या भारती एक बहुत बड़े संगठन के रूप में उभर के सामने आया है। जिसका लक्ष्य संस्कारयुक्त शिक्षा देना है यह विचार डॉ. हिम्मत सिंह सिन्हा जी शोध निदेशक विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान ने प्रान्त Read more

हमारा लक्ष्य राष्ट्रभक्ति व हिंदुत्व की ओर बढ़ने की ओर इंगित करता है : सुरेन्द्र अत्री

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हम सब की दिशा बदलेगी दिशा बदलने में हम सबकी महत्वपूर्ण भूमिका है । नीति तभी लाभकारी है जब उसका इंप्लीमेंटेशन ठीक प्रकार से हो । यह शब्द श्री हर्ष कुमार जी शैक्षिक प्रमुख ने Read more

हम इस देश के इतिहास के हमेशा ऋणी है : अवनीश भटनागर

आज पूरा देश आजादी की 75वीं वर्षगाँठ (अमृत महोत्सव) मना रहा है। यह समय उन बलिदानियों का याद करने का है जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए शहीद हो गए। यह विचार श्री अवनीश भटनागर जी अखिल भारतीय मंत्री, विद्या Read more

हम शिक्षाधर्मी हैं शिक्षाकर्मी नहीं : देश राज शर्मा

विद्या भारती के विद्यालयों में NEP 2020 का 40% कार्य तो पहले से ही हो रहा है। 1964 से 1966 की नीति का 10% कार्य ही धरातल पर हुआ । 1985 – 86 की नीति में 20% कार्य हुआ परंतु Read more

विद्या भारती हरियाणा ने किया ऑनलाइन संस्कृतसन्ध्या का आयोजन

विद्या भारती हरियाणा प्रांत द्वारा संस्कृत सप्ताह के उपलक्ष्य में ऑनलाइन संस्कृत संध्या का आयोजन किया गया।जिसमें प्रांत के 9 स्कूलों से लगभग 20 विद्यालयों के 40 विद्यार्थी भैया-बहनों ने सहर्ष भाग लिया। संस्कृत संध्या का शुभारंभ सरस्वती वंदना से Read more

नारी सशक्तिकरण एवं विकास अत्यंत महत्वपूर्ण : रेखा चुडासमा

पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने शिक्षा को संस्कार, ज्ञान एवं चरित्र से जोड़ते हुए त्रिवेणी कहा है । उन्होंने कुंती ,द्रौपदी एवं  अहिल्या जैसी महान नारियों के व्यक्तित्व से जोड़ते हुए वर्तमान पीढ़ी की शिक्षा जागृत की है । यह Read more

प्रायोगिक शिक्षा प्रदान करेगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति – अवनीश भटनागर

राष्ट्रीय शिक्षा नीति भविष्य के विद्यार्थियों को प्रायोगिक शिक्षा प्रदान करेगी। खेल-खेल में सिखने को अधिक महत्व देने का प्रयास किया जाएगा। इस शिक्षा की सबसे महत्वपूर्ण बात है कि शिक्षा मातृभाषा में होगी। मातृभाषा में विद्यार्थी जल्दी व अच्छे Read more

देश की शिक्षा का आधार उस देश की मूल प्रकृति या संस्कृति होती है : देशराज शर्मा

भारत की मूल प्रकृति आध्यात्मिक है । इसलिए यहां पर जन्मे व्यक्ति में बचपन से ही दया, करुणा, ममता, आत्मीयता,सेवा आदि के भाव देखे जा सकते हैं  । शिक्षा का उद्देश्य मानव का सर्वांगीण विकास है । सही विकास तभी Read more