Covid-19 लॉकडाउन के दौरान गीता रसोई के माध्यम से पूर्व छात्रों द्वारा 56 दिनों तक किया गया सेवा कार्य

देश हमें देता है सब कुछ हम भी देश को देना सीखें, यह संस्कार विद्या भारती के विद्यालयों में विद्यार्थियों को दिए जाते हैंA जिस समय पूरा देश वैश्विक महामारी से लड़ रहा था उन्हीं संस्कारों पर चलते हुए विद्या भारती के अंतर्गत श्रीमद्भागवत गीता वरि० मा० विद्यालय, कुरुक्षेत्र के पूर्व छात्रों ने 23 मार्च 2020 को गीता रसोई का उद्घाटन किया जिसमें जरूरतमंद, बेरोजगार हुए दिहाड़ीदार मजदूर, रिक्शा चालकों आदि के लिए राशन और भोजन देना शुरू किया।

पहले दिन 23 मार्च 2020 बेरोजगार मजदूरों को सन्नी ढाबा सेक्टर 13 कुरुक्षेत्र से भोजन खिलाना आरम्भ कर दिया प्रतिदिन 1000-1200 लोगों को भोजन पैकेट व 40-50 परिवारों को 15 किलो सूखा राशन प्रति परिवार निरंतर मिलता रहाA कुल मिलाकर 50000 भोजन पैकेट और 1000 किलो सूखा राशन बांटा गया।

1 अप्रैल 2020 को नवरात्रि अष्टमी पूजन किया गया, पूरे कुरुक्षेत्र वासियों की ओर से गीता रसोई के माध्यम से विधि विधान से कन्या पूजन किया, देसी घी हलवा, सब्जी बनाया और 1000 लोगों (जिसमें 400 कन्याओं को) भोजन करवायाA कंजक रूप में सभी कन्याओं को साबुन (हाथ धोने के लिए) दिया गया।

गीता रसोई में आचार्य नरेश कौशिक और उनके शिष्यों द्वारा प्रतिदिन श्री हनुमान चालीसा, श्री राम स्तुति, श्री श्याम स्तुति, श्री हनुमान आरती शुरू हुई, प्रतिदिन भगवान को भोग लगाकर प्रसाद स्वरूप में भोजन वितरण होने लगा। गीता रसोई में श्री राम नवमी, श्री हनुमान जयंती, श्री परशुराम जयंती, श्री आदि शंकराचार्य जयंती, आंबेडकर जयंती मनाई गईA 22 अप्रैल को विद्यालय परिसर गीता विश्व शांति यज्ञ किया गया, देश विदेश के लगभग 70 पूर्व छात्रों ने ऑनलाइन यज्ञ में भाग लिया।

माता-पिता हेल्पलाइन : पूर्व छात्रों द्वारा 18 मार्च 2020 को एक हेल्पलाइन शुरू की गई, जिसमें जो पूर्व छात्र हरियाणा से बाहर देश-विदेश में रह रहे हैं, परन्तु उनके माता-पिता या परिवार कुरुक्षेत्र में रह रहा है, इस हेल्पलाइन पर चिकित्सा सम्बन्धी, राशन आदि घर पर मंगवा सकते हैंA इस हेल्पलाइन के माध्यम से जुड़ें 30 से ज्यादा परिवारों को सहायता की जा सकी है।

गीता रसोई में पूर्व छात्रों और उनके परिवारों के संदस्यों का जन्मदिन] वैवाहिक वर्षगांठ मनाना शुरू कियाA सभी तकनीक के माध्यम से घर बैठकर सम्मिलित हो रहें हैंA अभी तक अमेरिका से 1 इंग्लैंड से 4, ऑस्ट्रेलिया से 2, कुवैत से 1, कनाडा से 3, दिल्ली से 12 और 6 अन्य पूर्व छात्रों एवं उनके परिणाम सदस्यों द्वारा ने जन्मदिन/वैवाहिक वर्षगांठ मनाई और गीता रसोई के पुनीत कार्यों में अपना आर्थिक सहयोग दियाA 5 पूर्व छात्रों ने अपने माता-पिता की पुण्य तिथि पर भी हवन, पूजा करवाई और भोजन में आर्थिक सहयोग किया।

गीता शिक्षा अभियान :-

देखने में आया कि बेरोजगार हुए लोग अपने बच्चों के लिए शिक्षा सामग्री नहीं दे पा रहे, इस विषय को ध्यान में रखकर पूर्व छात्र परिषद ने ‘गीता शिक्षा अभियान’ की शुरुआत की विद्यार्थी को शिक्षा सामग्री (5 कॉपी, 10 पेंसिल, 5 पेन, प्रेणादायक पुस्तकें) दी जा रहीA1000 विद्याथियों को शिक्षा सामग्री देने का लक्ष्य बनाया है। विद्या भारती के संस्कार केन्द्रों को भी जोड़ा जा रहा है। इसी प्रकार साहित्य अध्ययन की दृष्टि से महापुरुषों की जीवनियाँ, कहानियों की 400 पुस्तकों की निशुल्क वितरण की योजना भी हुई है।

गीता आरोग्यं अभियान : लॉकडाउन में पैसे की कमी से लोग अपना उपचार नहीं करवा पा रहे थे, गीता आरोग्य अभियान में जरूरतमंदो को निशुल्क चिकित्सा सुविधा, दवाई आदि उपलब्ध करवाई जा रही है। सिग्नस अस्पताल कुरुक्षेत्र और पूर्व छात्रों के सहयोग से यह कार्य किया गया।

गीता नक्षत्र वाटिका- विश्व महामारी में आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद को शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए सबसे अच्छा बतायाA डॉ बलदेव धीमान (उप-कुलपति, आयुष विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र) और विश्वविद्यालय के डॉक्टर गीता विद्यालय में आकर 100 लोगों को रोग प्रतिरोधक दवाई उपलब्ध करवाईA विद्यालय प्रांगण में औषधियों गुणों वाले पौधे लगायेA पूर्व छात्र परिषद की ओर से सभी को तुलसी के पौधे भेंट किये।

400 सफाई कर्मचारी, पुलिस कर्मियों, डॉक्टर, मेस कर्मचारी आदि अनेक लोगों को पूर्व छात्रों द्वारा सम्मानित किया गया।

समय-समय पर अधिकारियों, समाज के विशिष्ट जनों, संतों एवं सामाजिक संस्थाओं का मार्गदर्शन एवं सानिध्य गीता रसोई के इस सेवा कार्य में प्राप्त होता रहा। गीता रसोई 23 मार्च से 17 मई तक तीनों लॉकडाउन में 56 दिन तक निरंतर चलती रही। विद्यालय प्रबंध समिति, प्रधानाचार्य एवं आचार्य परिवार द्वारा भी इस कार्य में सहयोग किया गया।

 

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