विद्या भारती द्वारा आयोजित होने वाला गणित विज्ञान मेला छात्र भैया/बहिनों के लिए गणित व विज्ञान जैसे विषयों में अभिरुचि बढ़ाने एवं उनकी जटिलताओं को सहज भाव से समाधान प्रदान करने का एक मंच उपलब्ध कराता है। जहां गणित जैसे दुरूह विषय पर प्रश्न मंच और प्रदर्श की प्रतियोगताओं का आयोजन किया जाता है वहीं विज्ञान के लिए प्रश्न मंच, प्रयोग, प्रदर्श का आयोजन इस मेले में किया जाता है। मेले में जिस प्रकार का उत्साह, उमंग और उल्लास का वातावरण होता है उसी प्रकार से गणित विज्ञान मेला भी उन्मुक्त वातावरण में सम्पन्न होता है। सभी प्रतियोगिताएं विद्यालय स्तर से प्रारंभ होकर अखिल भारतीय स्तर तक सम्पन्न होती हैं। ये प्रतियोगिताएं शिशु वर्ग, बाल वर्ग, किशोर वर्ग एवम् तरुण वर्ग के भैया / बहिनों के लिए रहतीं हैं। विद्यालय स्तर से प्रथम आने वाली टीम संकुल स्तर पर संकुल स्तर पर प्रथम आने वाली टीम प्रांत स्तर पर और प्रांत की प्रथम टीम क्षेत्र में एवं क्षेत्र में प्रथम आने वाली टीम अखिल भारतीय स्तर पर प्रतिभागिता करती है। इस प्रकार विद्यार्थी को एक बड़े स्पेक्ट्रम में सम्मिलित होकर अपनी प्रतिभा को निखारने का अवसर प्राप्त होता है।
सामान्य गणित जो बालक विषय वस्तु के रूप में अपनी कक्षा में अध्ययन करता है उसके अतिरिक्त वैदिक गणित के प्रयोग को भी सीखने का अवसर प्राप्त होता है। गणित की बड़ी से बड़ी गणना विद्यार्थी वैदिक गणित का प्रयोग करके सबको अचंभित कर देता है। हमारे ऋषि मुनियों से प्राप्त गणित के ज्ञान को वर्तमान पीढ़ी तक पहुंचाने का माध्यम भी यह मेला बन रहा है। आज बालक गणित की जटिलताओं के कारण उससे मुंह फेर लेता है किन्तु वैदिक गणित का प्रयोग उसकी इन जटिलताओं को दूर कर विषय की ग्राहिता को सुगम बना देता है।
गणितीय प्रतियोगिताओं में प्रश्न मंच का आयोजन किया जाता है इसमें शिशु वर्ग में 4th व 5th के विद्यार्थी भाग लेते हैं। इस वर्ग की प्रतियोगिता प्रांत व क्षेत्र स्तर तक सम्पन्न होती। बाल वर्ग, किशोर वर्ग व तरुण वर्ग की प्रतियोगिता राष्ट्रीय स्तर तक सम्पन्न होती है। निश्चित समयावधि में विद्यार्थियों को उत्तर देना होता है। यह एक टीम वर्क है। प्रत्येक टीम में तीन प्रतिभागी होते हैं। टीम को आपसी सहमति से उत्तर देना होता है। एक बार दिया गया उत्तर ही अंतिम उत्तर माना जाता है। इसमें उत्तर बदलने की अनुमति नहीं दी जाती है।
गणित की प्रतियोगिता में भी चारों वर्ग सहभागी होते हैं। निर्धारित विषयों पर छत्रों द्वारा गणित प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। शिशु वर्ग केवल क्षेत्र स्तर तक जाता है। बाल वर्ग में 6,7 व 8वीं के विद्यार्थी, किशोर वर्ग में 9 व 10वीं के विद्यार्थी व तरुण वर्ग में 11, 12वीं के विद्यार्थी भाग लेते हैं। शिशु वर्ग को छोड़कर शेष वर्ग अखिल भारतीय स्तर तक प्रतिभागिता करते हैं।
गणितीय प्रयोग की प्रतियोगिता भी चारों वर्गों में सम्पन्न होती है। शिशु वर्ग केवल क्षेत्र स्तर तक शेष वर्ग अखिल भारतीय स्तर तक प्रतिभागिता करते हैं।
पूर्व निर्धरित विषयों पर पत्र वाचन का आयोजन किया जाता है। यह एक प्रकार से रिसर्च पेपर होता है। इससे छात्रों की अन्वेषण प्रवृत्ति का उद्घाटन होता है और वे गणित की जटिलताओं को हल करने में सक्षम बनते हैं।
केवल बालकों का ही नहीं अपितु आचार्यों की कुशलता और क्षमता की वृद्धि के लिए आचार्य गणित पत्र वाचन का आयोजन किया जाता है।
इसी के अन्तर्गत राष्ट्रीय गणित दिवस का आयोजन श्रीनिवास रामानुजन जयंती के अवसर पर किया जाता है। विद्यालय स्तर पर यह पर्व मनाया जाता है। इसमें गणितीय रंगोली से लेकर गणित की जटिलताओं को सहज ज्ञान प्रदान करने वाली प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।
विज्ञान मेले में टिंकरिंग लैब का विषय भी जोड़ा गया है। इसके अन्तर्गत विद्यार्थी की मौलिकता का और नवीन प्रयोगों के प्रति जागरूकता का भान होगा। वह विद्यालय स्तर पर ही अभियांत्रिकीय अभिरुचि प्राप्त कर सकेगा। वह भविष्य का इंटरपेन्योर सिद्ध हो सकेगा। कम्प्यूटर की अभिरुचि को जाग्रत करने के लिए कम्पुटर प्रदर्श एवं प्रश्न मंच प्रतियोगिताओं में क्षेत्र स्तर तक प्रतिभागिता रहती है।