विद्या केवल अक्षर ज्ञान के लिए नहीं अपितु अपने जीवन को साकार करने के लिए ग्रहण करनी चाहिए : दीननाथ बत्रा

“तमसो मा ज्योतिर्गमय” द्वारा बताया गया है कि शिक्षा हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है। विद्यालय की शिक्षा का प्रभाव हमारे जीवन में नजर आना चाहिए एवं विद्या केवल अक्षर ज्ञान के लिए नहीं अपितु अपने जीवन को साकार करने के लिए ग्रहण करनी चाहिए। ये अनमोल वचन माननीय दीनानाथ बत्रा जी ने विद्या भारती हरियाणा के विद्यालय श्रीमद्भागवद् गीता वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय द्वारा आयोजित हीरक जयंती (19 नवम्बर 2021) कार्यक्रम में कहे। श्री विजय नड्डा जी संगठन मंत्री उत्तर क्षेत्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि बालक के अंदर देवत्व की भावना का विकास विद्या भारती की शिक्षा के द्वारा ही होता है । रामकृष्ण परमहंस जी के प्रसंग को याद करते हुए उन्होंने कहा कि अच्छे व्यक्ति का निर्माण करना ही विद्या भारती की शिक्षा का लक्ष्य है। आगे बढ़ने की कोई सीमा नहीं होती ।

श्री पवन सैनी पूर्व विधायक ने कार्यक्रम में कहा कि मैं इसी विद्यालय का पूर्व-छात्र रहा हूँ तथा जब भी जीवन में कोई निर्णय लेता हूं तो इस विद्यालय को अवश्य याद करता हूँ । अपने जीवन का प्रसंग याद करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपने जीवन का प्रत्येक कार्य समय से करना चाहिए अन्यथा हमें अंत में खाली हाथ रहना पड़ता है । श्री सुभाष सुधा जी थानेसर विधायक ने अपने उद्बोधन में कहा कि मैं इस विद्यालय का पूर्व छात्र रहा हूँ तथा यहीं से प्रेरणा प्राप्त कर आज इस स्थान पर पहुंचा हूँ । श्री नायब सैनी जी संसद कुरुक्षेत्र ने बताया कि इस विद्यालय के छात्रों ने न केवल अपने क्षेत्र में अपितु पूरे देश में विद्यालय का नाम रोशन किया है ।

कार्यक्रम में छात्रों द्वारा अनेक प्रकार कि प्रस्तुतियां जैसे श्री कृष्ण जीवन लीला, मराठी नृत्य एवं हरियाणवी समूह गीत, शिव तांडव एवं भांगड़ा आदि दी गई । इस अवसर पर श्री बालकिशन जी-सह संगठन मंत्री विद्या भारती उत्तर क्षेत्र एवं श्री रवि कुमार जी प्रान्त संगठन मंत्री विद्या भारती हरियाणा एवं कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित रहे ।

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