विद्या भारती के विद्यालयों में होने वाली वंदना की समाज में अलग पहचान : रवि कुमार

संगीत एक विद्या या कला ही नहीं जीवन की लय है, संगीत मन को संवारता है। शब्दों का प्रभाव सीधा मन पर होता है। शब्द को संगीत के माध्यम से किसी के मन में उतारा जा सकता है।  विद्यालय में होने वाली प्रात: वंदना भी एक विद्यालय का संस्कार प्रदर्शित करती है और आज के समय पर संगीत विषय भी बहुत महत्वपूर्ण हो गया है इसके इसके अलावा विद्यालय में संगीत पर विशेष ध्यान एकत्रित किया जाए इस उद्धेश्य से विद्या भारती हरियाणा ने प्रांतीय संगीत कार्यशाला (3 से 4 दिसम्बर, 2020) का आयोजन गीता विद्या मंदिर, गोहाना में किया। इस कार्यशाला में श्रीमति रजनी जी – संगीत प्रमुख विद्या भारती हरियाणा ने संगीत पाठ्यक्रम और विद्या भारती के अखिल भारतीय गीतों पर आये हुए प्रतिभागियों को अभ्यास करवाया। विद्यालय में प्रात: वंदना को लेकर ध्यान दिया गया। श्री शेष पाल जी-प्रशिक्षण प्रमुख विद्या भारती हरियाणा ने अपने उद्बोधन में कहा कि संगीत निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है और संगीत आनंद के साथ-साथ अभ्यास का भी विषय है।

श्री रवि कुमार जी-संगठन मंत्री विद्या भारती हरियाणा ने अपने उद्बोधन में कहा कि विद्या भारती कि विद्यालयों में होने वाली वंदना का समाज में अलग ही पहचान है। इसके साथ ही उन्होंने अभ्यास करवाया कि जिन विद्यालयों में वाद्य यंत्र नहीं वो कैसे सरल तरीके से ताल के माध्यम से वहाँ वंदना करवाई जा सकती है। इसके साथ ही एकल गीत, सामूहिक गान एवं स्वर साधना में स्वरों का अभ्यास रागों की जानकारी आदि किस प्रकार से सिखाया जाना चाहिए यह बताया। इस कार्यशाला में प्रान्त से 19 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

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