New concept of Library – पुस्तकालय प्रमुख कार्यशाला

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23.08.2016 को शिक्षा भारती विद्यालय रामनगर, रोहतक में पुस्तकालयाध्यक्ष/पुस्तकालयप्रमुख कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें प्रांत भर से 20 विद्यालयों से 22 पुस्तकालयाध्यक्षों अथवा पुस्तकालय प्रमुखों ने भाग लिया, जिसमें 16 बहने व 6 भैया थे।

img-20160823-wa0037प्रथम सत्रः- प्रथम सत्र में श्री रवि कुमार जी (सह प्रांत संगठन मंत्री विद्याभारती, हरियाणा) ने दीप-प्रज्ज्वलन कर कार्यशाला का शुभारम्भ किया एंव आयोजित कार्यशाला की भूमिका बताई। जिसमें 23 से 28 जून 2016 Centre for culture Resources and Training (CCRT) सांस्कृति स्त्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र द्वारका, सैक्टर-7, नई दिल्ली में संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की ओर से आयोजित छः दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में सम्पूर्ण देश से 43 पुस्तकालयाध्यक्षों में से अपने उत्तर क्षेत्र से पंजाब से तीन, दिल्ली से तीन एंव हरियाणा से एक पुस्तकालयाध्यक्ष ने सहभागिता की थी। उसी आधार पर जो विषय वहाँ पर बताये गए, उन्ही विषयों को लेकर अपने प्रांत में प्रशिक्षण की योजना की गई। उन्होने बताया कि कार्यशाला का मूल उद्देश्य पुस्तकालयाध्यक्षों/पुस्तकालयप्रमुखों को पुस्तकालय की नई तकनीकों व नए क्रिया-कलापों (नये साफ्टवेअर, डिजिटल व ई-पुस्तकालयों इत्यादि) से अवगत करवाना है। जिसमें श्री संजीव धीमान पुस्तकालयध्यक्ष, गीता निकेतन आवासीय विद्यालय, कुरुक्षेत्र Resource person के नाते सहभागी रहे। जिन्होने 23 से 28 जून 2016 Centre for Culture Resources and Training (CCRT) संस्कृति स्त्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र द्वारका, सैक्टर-7, नई दिल्ली में संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की ओर से आयोजित कार्यशाला में प्रांत की ओर से सहभागीता की थी। प्रथम सत्र में श्री संजीव जी ने डा० एस. आर. रंगानाथन (Father of Library Science in India ) के जीवन एवं उनके द्वारा दिए पुस्तकालय विज्ञान के पाँच सूत्रों को नई तकनीक के संदर्भ में परिभाषित किया। द्वितीय सत्र द्वितीय सत्र में 1. Library Software 2. Bar-Coding  3. RFID Automation system   4. E-Sources  5.Digitization         6. Virtual Library 7. Hybrid Library 8. Online Information Retrieval 9. Cloud Computing 10. Facility on Mobile विषयों पर चर्चा की तत्पश्चात् सभी प्रतिभागियों से उनके सुझाव व अनुभव सुने गए, जिसमें इस प्रकार की कार्यशाला भविष्य में भी आयोजित हो, ये सब की इच्छा थी। इसी सत्र के समापन कार्यक्रम में श्री रवि कुमार जी सह-संगठन मंत्री विद्याभारती हरियाणा ने कुछ उपयोगी Websites और प्रकाशकों की जानकारी देते हुए विद्या भारती की पुस्तकालयों से अपेक्षाओं के विषय में बताया और कहा कि पुस्तकालय में कुछ नया क्या हो सकता है सदैव ये सोंचे, हमारे पास केवल सकारात्मक वातावरण व सकारात्मक पुस्तकें ही पुस्तकालय में हों। समापन सत्र के पश्चात सभी प्रतिभागी प्रशिक्षण के ही अंतर्गत भ्रमण के लिए महर्षि दयानन्द विद्यालय रोहतक के पुस्तकालय में गए, जिसमें सभी को आधुनिक युग का ई-पुस्तकालय, RFID Automation system को प्रत्यक्ष देखने व समझने का अवसर प्राप्त हुआ। महर्षि दयानन्द विद्यालय, रोहतक के पुस्तकालयाध्यक्ष डा० सतीश मलिक के साथ चायपान के समय पुस्तकालय के बैठक कक्ष में प्रश्नों के माध्यम से बहुत सी उचित जानकारियाँ भी प्राप्त की। इस कार्यशाला को लेकर सभी पुस्तकालयाध्यक्षों में एक अलग प्रकार का उत्साह था। क्योंकि पुस्तकालयाध्यक्षों अथवा प्रमुखों की यह प्रथम प्रशिक्षण कार्यशाला थी, जिसका सभी प्रतिभागियों ने पूरे उत्साह से स्वागत किया। साथ ही आगे भी इस प्रकार की कार्यशाला उनके लिए हो इसका भी आग्रह उन सबका रहा।

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