
राष्ट्रीय शिक्षा नीति भविष्य के विद्यार्थियों को प्रायोगिक शिक्षा प्रदान करेगी। खेल-खेल में सिखने को अधिक महत्व देने का प्रयास किया जाएगा। इस शिक्षा की सबसे महत्वपूर्ण बात है कि शिक्षा मातृभाषा में होगी। मातृभाषा में विद्यार्थी जल्दी व अच्छे तरीके से सीख पाता है । अध्यापन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अध्यापकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस शिक्षा नीति को कारगर बनाने के लिए अभिभावकों का प्रबोधन जरूरी है। ये विचार अवनीश भटनागर, अखिल भारतीय मंत्री विद्या भारती ने विद्या भारती हरियाणा द्वारा आयोजित साधारण सभा (दिनांक 08-08-2021, विवेकानंद वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, करनाल) में उपस्थित प्रतिनिधियों के समक्ष रखे।
मा. सुरेंद्र अत्रि विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के उपाध्यक्ष ने कहा कि कोराना काल में सबसे अधिक शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित किया है । विद्यालयों की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं रह सकी है । बहुत से अभिभावक विद्यालय का शुल्क देने में सक्षम नहीं है । इन विद्यालयों की चिंता करना हम सबका कर्तव्य है । सक्षम विद्यालयों को दूसरे छोटे विद्यालयों की मदद करनी चाहिए।
हिंदू शिक्षा समिति के महामंत्री अवधेश पाण्डेय व ग्रामीण शिक्षा विकास समिति के महामंत्री चेतराम शर्मा ने गत वर्ष के प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। सम्बंधित समितियों के कोषाध्यक्षों ने गत वर्ष के खर्चों व आगामी वर्ष के बजट के बारे विस्तार से जानकारी दी।
साधारण सभा में डॉ ऋषिराज वशिष्ठ को हिन्दू शिक्षा समिति व जगन्नाथ शर्मा को ग्रामीण शिक्षा विकास समिति का आगामी तीन वर्षों के लिए अध्यक्ष चुना गया । यह चुनाव विद्या भारती हरियाणा के अध्यक्ष देव प्रसाद भारद्वाज के मार्गदर्शन में किया गया ।
दोनों समितियों के अध्यक्षों ने अपनी कार्यकारिणी की घोषणा भी इस कार्यक्रम में की। इस साधारण सभा में देव प्रसाद भारद्वाज, रवि कुमार संगठन मंत्री विद्या भारती हरियाणा, हर्ष कुमार , प्रशिक्षण प्रमुख उत्तर क्षेत्र, रत्न चंद सरदाना व विभिन्न विद्यालयों की प्रबंध समितियों के सदस्यों ने हिस्सा लिया।