संगीत विषय विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत आवश्यक है । भारतीय संगीत मनोविज्ञान के आधार पर बना है इसलिए यह हमारे मन मस्तिष्क को बल प्रदान करता है । भारतीय संगीत मन को शांति भी प्रदान करता है। अभिभावकों को अपने बच्चों को संगीत में रूचि लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए। ये विचार रवि कुमार संगठन मंत्री, विद्या भारती हरियाणा ने प्रांतीय ई- संगीत वर्ग के समापन कार्यक्रम में रखे।
विद्या भारती के पांच आधारभूत विषयों में से एक संगीत विषय भी है। बालक के पञ्चकोशीय विकास में मनोमय कोष का विकास संगीत से होता है। इसलिए विद्याभारती विद्यालयों में बालक की सर्वांगीण विकास की संकल्पना को ध्यान में रखकर संगीत विषय पर अधिक बल दिया जाता है। विद्यालय में प्रात: काल वंदना सभा संगीत विषय की क्रियान्वयन के लिए महत्त्वपूर्ण होता है।
इस ई-वर्ग में वंदना संस्कृत वंदना, हिंदी प्रार्थना, गुरुवाणी मूलमंत्र, णमोकार मंत्र एवं अखिल भारतीय गीतों का अभ्यास किया गया एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन भी किया गया । इसके अलावा प्रतिभा प्रदर्शन में विद्यार्थियों द्वारा वंशी वादन , एकल व युगल नृत्य, हारमोनियम व तबला वादन में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया । यह साराकार्य ई-वीडियों कॉन्फ्रेंस व WhatsApp के माध्यम से ऑनलाइन सम्पन्न हुआ ।
विद्या भारती की संगीत विषय प्रमुख रजनी जुनेजा ने बताया कि तीन दिवसीय अभ्यास वर्ग का आयोजन Covid-19 लॉकडाउन के कारण इस बार दिनांक 24 से 26 अप्रैल 2020 को ई माध्यम से किया गया। हरियाण प्रांत के 9 संकुलों के 32 विद्यालयों ने भाग लिया। कुल 148 विद्यार्थियों एवं 32 आचार्यों ने इस वर्ग में भाग लेकर विद्या भारती संगीत विभाग के विभिन्न आचार्यों के बारे प्रशिक्षण प्राप्त किया।