
विद्या भारती एक संक्षिप्त परिचय
भारतीय दर्शन में आत्मा ही समस्त ज्ञान का आधार है।ज्ञान अर्थात् समस्त अंतर्निहित चेतना का प्रकटीकरण, संवर्धन एवं विकास। शिक्षा मुख्यत: इसी ज्ञानार्जन की साधना है। इसी साधना को मूर्तरूप देने हेतु राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से प्रेरणा-रस ग्रहण करके राष्ट्र पुननिर्माण में “विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान” शिक्षा के पुनीत क्षेत्र में सम्पूर्ण भारतवर्ष में कार्यरत है।सन् 1946 में संघ के द्वितीय सरसंघचालक परमपूज्य श्रीगुरुजी के यशस्वी कर-कमलों से श्रीमद्भगवद्गीता वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, कुरुक्षेत्र की नींव रखी गई तथा 1952 में गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में सरस्वती शिशु मंदिर योजना का श्रीगणेश हुआ। धीरे-धीरे इन शिक्षण संस्थाओं की शाखाएं सम्पूर्ण भारत में फैलने लगी। विद्यालयों की बढती संख्या को सूत्रबद्ध करने के लिए प्रांतीय समितियों का गठन हुआ तथा इन समितियों के मार्गदर्शन हेतु अखिल भारतीय स्तर पर “विद्या भारती” की स्थापना विधिवत रूप से 1977 में हुई।
विद्या भारती हरियाणा
विद्या भारती हरियाणा विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की प्रांतीय इकाई है। विद्या भारती के उद्देश्य एवं लक्ष्य से दिशा-बोध ग्रहण कर बालक के सर्वांगीण विकास की अवधारणा को, भारतीय शिक्षा दर्शन के माध्यम से व्यावहारिक स्वरुप में ढालने की स्वस्थ परंपरा का निर्वहन हिन्दू शिक्षा समिति कुरुक्षेत्र, हरियाणा कर रही है । परिपूर्ण मानव के विकास की संकल्पना पश्चिमी मनोविज्ञान पर आधारित शिक्षण-प्रक्रिया से कदापि संभव नहीं है। आज अखिल विश्व हर प्रकार की समस्याओं के सामाधान हेतु भारत तथा भारतीय शिक्षा दर्शन की ओर आशा भरे नयनों से निहार रहा है। ऐसे में राष्ट्रनिर्माण एवं विश्वबंधुत्व हेतु भारत को अपनी जड़ों को पहचानना होगा, उसके अनुरूप अपनी शिक्षा को चुस्त-दुरुस्त करना होगा, इन्हीं चुनौतियों को सम्मुख रख सन् 1946 में ‘हिन्दू शिक्षा समिति’ का शिक्षा क्षेत्र में पर्दापण के साथ भगीरथ प्रयास प्रारम्भ हुआ। वर्तमान में विद्या भारती हरियाणा के अंतर्गत प्रदेश के नगरीय विद्यालयों का संचालन एवं उनकी संभाल हिन्दू शिक्षा समिति, कुरुक्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्र में चलने वाले विद्यालयों की संभाल ग्रामीण शिक्षा विकास समिति हरियाणा कर रही है।
Vidya Bharti Haryana is providing quality education since 1946 and is committed to educate the young generation according to Bhartiya values and culture.